रिज़वान मुस्तफ़ा
लखनऊ. गोरखपुर और फूलपुर के लिए आखिरी वक्त पर अनमने ढंग से हुआ सपा-बसपा का गठबंधन काम कर गया। सीएम योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर और डिप्टी सीएम केशवप्रसाद मौर्य की पिछली बार जीती फूलपुर लोकसभा सीट इस बार सपा-बसपा ने एक होकर भाजपा से छीन लीं। यह पहला मौका है जब 27 साल से भाजपा के गढ़ गोरखपुर में सपा-बसपा मिलकर जीती है। सबसे पहले फूलपुर के नतीजे आए। यहां सपा के नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल जीत गए। वहीं, गोरखपुर में भी सपा के प्रवीण निषाद जीत गए। दोनों सीटों पर पिछली बार से करीब 12% कम वोटिंग हुई थी। हार के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- “‘ये जनता का फैसला है। हम सभी को इसे मानना चाहिए। अति-आत्मविश्वास और आखिरी समय में सपा-बसपा की राजनीतिक सौदेबाजी के कारण हम हारे।’’
कौन-कितने वोट से जीता?
फूलपुर: सपा के नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल को 3,42,796 और बीजेपी के कौशलेंद्र सिंह पटेल को 2,83,183 वोट मिले। नागेंद्र पटेल 59,613 वोटों से जीते।
गोरखपुर: सपा के प्रवीण निषाद को 4,56,513 वोट मिले। बीजेपी कैंडिडेट उपेंद्र शुक्ल को 4,34,632 वोट मिले। निषाद 21,881 वोटों से जीते।
1) गोरखपुर में पिछली आठ बार से कौन जीत रहा था?
– इस सीट पर पिछले आठ चुनाव से गोरखनाथ मठ का कैंडिडेट ही जीतता आ रहा था।
– बीजेपी के लिहाज से 27 साल बाद और मठ के लिहाज से 29 साल बाद ऐसा हुआ जब यहां गोरखनाथ मंदिर से इतर कोई कैंडिडेट जीता।
– महंत अवैद्यनाथ 1989, 1991 और 1996 में जीते। 1989 में हिंदू महासभा के टिकट से और बाकी दो बार बीजेपी के टिकट पर।
– इसके बाद पांच बार यानी 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ ही यहां जीतते रहे।
2) इस बार यूपी में क्या अलग हुआ?
– गोरखपुर और फूलपुर में भाजपा को रोकने के लिए 25 साल बाद सपा और बसपा साथ आईं। इससे पहले, 1993 में मायावती और मुलायम सिंह साथ आए थे और सरकार बनाई थी। बाद में यह अलायंस 1995 में अलग टूट गया था।
3) गोरखपुर : सपा का एक्सपेरिमेंट काम कर गया, कम वोटिंग से फायदा हुआ
– पिछली बार : 2014 में यहां योगी आदित्यनाथ 5,39,127 वोट पाकर जीते थे। सपा+बसपा को मिले वोटों की संख्या 4,02,756 थी। लेकिन यहां भी 2017 में सपा और बसपा के कुल वोट बीजेपी से 72 हजार आगे थे।
– इस बार : गोरखपुर में बसपा से पहले सपा ने 10% मुस्लिम वोटरों के बीच पकड़ रखने वाली पीस पार्टी और 18% निषाद वोटरों के बीच पकड़ रखने वाली निषाद पार्टी से गठबंधन किया। यहां तक कि निषाद पार्टी के अध्यक्ष के बेटे प्रवीण निषाद को सपा का टिकट दिया। इसके बाद बसपा ने भी उसे समर्थन दे दिया। बीजेपी ने यहां उपेंद्र दत्त शुक्ल को टिकट दिया था। पहली बार बीजेपी ने किसी ब्राह्मण चेहरे को उतारा।
– नतीजा : यहां 2014 में 54.6% के मुकाबले 43% मतदान ही हुआ। यानी बीजेपी के कम वोटर घरों से निकले। योगी आदित्यनाथ ने माना कि यहां बीजेपी ओवर कॉन्फिडेंस के चलते पिछड़ गई।
4) फूलपुर : यहां भी 12% कम वोटिंग से बीजेपी को नुकसान हुआ, घर-बाहर की लड़ाई में वोट कटे
– पिछली बार: 2014 में केशव प्रसाद मौर्य को 5,03,564 वोट मिले थे। पहली बार यहां बीजेपी जीती थी। उस वक्त के सपा और बसपा कैंडिडेट को मिले वोट मिला दें तो संख्या मौर्य को मिले वोटों से ज्यादा यानी 3,58,966 हो रही थी। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर सपा और बसपा के कुल वोट बीजेपी से 36 हजार आगे थे।
– इस बार: फुलपूर में पटेल वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। बीजेपी ने वाराणसी के मेयर रहे कौशलेंद्र सिंह पटेल और सपा ने नागेंद्र सिंह पटेल को टिकट दिया। इसके बाद बाहरी और घर के पटेल के बीच मुकाबला हो गया। यहां भी बसपा ने अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया।
– नतीजा : उपचुनाव में 2014 के 50.2% के मुकाबले महज 38% वोटिंग हुई। इससे बीजेपी को नुकसान हुआ। बीजेपी के यूपी चीफ महेंद्र नाथ पांडेय ने भी माना कि वोटिंग पर्सेंटेज ही बीजेपी की हार का कारण है।
5) दोनों सीटों पर क्यों उपचुनाव हुए?
यूपी के मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने 21 सितंबर, 2017 को गोरखपुर लोकसभा सीट छोड़ दी थी। वहीं, फूलपुर से सांसद केशव प्रसाद मौर्य के डिप्टी सीएम बनने के बाद उनकी सीट खाली हुई।
6) इन नतीजों के क्या सियासी मायने हैं?
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की रिकाॅर्ड जीत के बाद योगी आदित्यनाथ को पीएम कैंडिडेट बताने वालों को झटका। मोदी-अमित शाह के सामने अब योगी झुके रहेंगे। अगले लोकसभा चुनाव में कैंडिडेट्स की पसंद केंद्रीय नेतृत्व पर ज्यादा निर्भर रहेगी।
ये 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए खतरे की घंटी हैं। अगर पूरे प्रदेश में सपा-बसपा तालमेल करते हैं और कांग्रेस भी अगर उनके साथ आ जाती है तो बीजेपी के लिए पिछली बार की 71 सीटों की रिकॉर्ड जीत को दोहराना बेहद मुश्किल होगा।
अगर 2014 के नतीजों में सपा-बसपा के वोटों को मिला दें तो बीजेपी की सीटें 71 से घटकर 37 और सपा-बसपा की सीटें बढ़कर 41 हो जाती हैं। इसमें भी अगर कांग्रेस के वोट मिला दें तो बीजेपी की सीटें 71 से घटकर 24 ही रह जाती हैं।
यूपी से सबक लेते हुए अन्य राज्यों में गैर-भाजपाई दल एक हो जाएं तो बीजेपी के मिशन 2019 को चुनौती दे सकते हैं।
दोनों उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। सोनिया-राहुल की परंपरागत सीटों को छोड़कर उसके पास राज्य में बसपा-सपा से तालमेल करने के अलावा विकल्प नहीं है।
7) भाजपा की रणनीति क्या होगी?
– लोकसभा चुनाव के पहले सपा-बसपा गठबंधन को तोड़ना। इन दोनों में कमजोर कड़ी बसपा ही है। वह पिछले लोकसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाई थी। मायावती को पुरानी फाइलें दिखाकर भाजपा बसपा को सपा से अलग होने पर विवश कर सकती है।
दोनों सीटों पर हर राउंड में क्या रही वोटों की स्थिति?
गोरखपुर सीट
राउंड बीजेपी सपा+ कौन आगे
1 15577 13911 बीजेपी
2 29194 29218 सपा
3 43456 44979 सपा
4 56945 59907 सपा
5 70317 74077 सपा
6 82811 89950 सपा
7 91690 105156 सपा
8 108829 119427 सपा
9 120917 135565 सपा
10 133333 149312 सपा
11 150062 163941 सपा
12 165487 180155 सपा
13 179823 194760 सपा
14 192860 212061 सपा
15 206492 229622 सपा
16 220415 244983 सपा
17 235836 262346 सपा
18 250239 278611 सपा
19 264416 293153 सपा
20 279369 307627 सपा
21 294947 321093 सपा
फूलपुर सीट
राउंड बीजेपी सपा कौन आगे
1 9906 12383 सपा
2 21402 22460 सपा
3 30786 33227 सपा
4 39955 43562 सपा
5 47631 54562 सपा
6 57092 64974 सपा
7 67146 75354 सपा
8 77348 87272 सपा
9 87326 99557 सपा
10 97369 111668 सपा
11 106534 122247 सपा
12 116219 131978 सपा
13 125528 143611 सपा
14 134819 155314 सपा
15 144166 167008 सपा
16 152740 180367 सपा
17 160839 191014 सपा
18 171016 201205 सपा
19 179935 211063 सपा
20 189489 218963 सपा
21 198844 228794 सपा
22 208128 238233 सपा
23 217032 250285 सपा
24 225125 261684 सपा
25 233254 271752 सपा
26 241764 281445 सपा
27 248886 294645 सपा
28 257821 305172 सपा
29 267776 318942 सपा
30 275217 329191 सपा
31 280535 337683 सपा
32 283183 342796 सपा की जीत
गोरखपुर लोकसभा सीट पर पिछली बार कितना वोट शेयर रहा?
पार्टी उम्मीदवार 2014 2014 में वोट शेयर उम्मीदवार 2018
बीजेपी योगी आदित्यनाथ 51.8% उपेंद्र दत्त शुक्ल
सपा रमापति निषाद 21.8% प्रवीण निषाद
कांग्रेस अष्टभुजा प्रसाद त्रिपाठी 4.4% सुरहिता करीम
बसपा राम भुआल निषाद 17% बसपा ने सपा को समर्थन दिया, उम्मीदवार नहीं उतारा
फूलपुर लोकसभा सीट का पिछली बार कितना वोट शेयर रहा?
पार्टी उम्मीदवार 2014 2014 में वोट शेयर उम्मीदवार 2018
बीजेपी केशव प्रसाद मौर्या 52.4% कौशलेंद्र सिंह पटेल
सपा धर्मराज सिंह पटेल 20.3% नागेंद्र सिंह पटेल
कांग्रेस मोहम्मद कैफ 6.1% मनीष मिश्रा
बसपा कपिल मुनि करवरिया 17% बसपा ने सपा को समर्थन दिया, उम्मीदवार नहीं उतारा