तहलका टुडे टीम
दुष्कर्म के आरोपी बसपा सांसद अतुल राय के मामले में निलंबित सीओ अमरेश सिंह बघेल को बुधवार की रात बाराबंकी से गिरफ्तार कर लिया गया। बघेल वाराणसी से लखनऊ जा रहे थे। इसी दौरान तीन गाड़ियों में शाम से ही तैनात वाराणसी पुलिस ने बाराबंकी टोल प्लाजा से उन्हें पकड़ लिया।
वाराणसी पुलिस ने बाराबंकी की जैदपुर पुलिस को इसकी सिर्फ सूचना दी, मदद नहीं मांगी थी। रात करीब साढ़े दस बजे वाराणसी पुलिस ने चिह्नित लग्जरी वाहन के टोल पर रुकते ही उसे घेर लिया। इसके बाद निलंबित सीओ को गिरफ्तार कर उन्हें अपनी जीप में बैठाकर वाराणसी ले गई।
जैदपुर पुलिस ने बताया कि उसके पास सिर्फ गिरफ्तारी की सूचना आई है। निलंबित सीओ बघेल जैदपुर थाने में एक वर्ष से अधिक समय तक प्रभारी निरीक्षक के रूप में तैनात रहे हैं और उसी थाना क्षेत्र से उन्हें गिरफ्तार किया गया। बता दें कि पहली मई 2019 को वाराणसी के लंका थाने में पीड़िता की तहरीर पर अतुल राय पर दुष्कर्म, धोखाधड़ी और साजिश के आरोप में केस दर्ज किया गया था और उन्हें जेल भी जाना पड़ा।
मामले में ठोस कार्रवाई नहीं होने पर पीड़िता और गवाह ने सुप्रीम कोर्ट के पास 16 अगस्त 2021 को आत्मदाह का प्रयास किया था और बाद में दोनों की मौत हो गई। पिता भरत सिंह ने अतुल राय को दुष्कर्म के फर्जी मामले में फंसाने का आरोप लगाया था। इसकी जांच वाराणसी में तत्कालीन भेलूपुर सीओ अमरेश सिंह बघेल ने की थी।
दबाव बढ़ने पर बघेल ने दुष्कर्म मामले की दोबारा जांच की संस्तुति की। बघेल की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर 30 नवंबर 2020 को शासन से उन्हें निलंबित कर दिया था। एसआईटी ने भी बघेल का बयान लिया था।
मालूम हो बाराबंकी जैदपुर थाने में तैनात प्रभारी निरीक्षक अमरेश सिंह बघेल व अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक धनंजय सिंह सहित तीन सिपाही सर्वेस सिंह, शाहनवाज व गजेन्द्र सिंह की करतूतों का चिट्ठा रामनगर विधायक द्वारा खोला गया था। सोशल मीडिया पर विधायक के बयान वाला वीडियो वायरल होने के बाद महकमें में खलबली मच गई थी, शरद ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व डीजीपी से शिकायती पत्र दिया था।
साथ ही इन सभी की संपत्ति की जांच इनकम टैक्स विभाग से करने की मांग की है। विधायक के मुताबिक जैदपुर कोतवाली के तीन सिपाहियों के तबादले के बाद थाने के मातहतों ने उन्हें उगाही करने से रोक रखा था। इस सिपाही को थाना प्रभारी निरीक्षकों का सबसे चहीता माना जाता रहा । थाना प्रभारियों ने तीनों सिपाहियों को अवैध बूचड़खाने, अवैध लकड़ी के कटान, अवैध खनन व मारफीन तस्करी से लेकर सभी प्रकार के अवैध कामों की वसूली का जिम्मा दे रखा था।
कोतवाली थाना जैदपुर में तैनात रहे सिपाहियों व मौजूद प्रभारियों के शहरों में बेशकीमती मकानों से लेकर ऊंची ऊंची लकजरी गाड़ियों सहित करोड़ों की सम्पति के मालिक है इस पर विधायक शरद अवस्थी ने सभी की सम्पत्ति की जांच की मांग की है। विधायक ने कहा कि ज़ैदपुर के थाना प्रभारी अमरेश सिंह बघेल, अतिरिक्त प्रभारी धनजंय सिंह, फतेहपुर और के घुँघटेर थाना प्रभारियों ने मिली भगत कर सर्वेस सिंह, शाहनवाज व गजेन्द्र सिंह तीनों सिपाहियों से जमकर उगाही करवाई, जिसकी भनक उच्च अधिकारियों को नहीं हुई। विधायक के अनुसार अमरेश बघेल का लखनऊ में पांच करोड़ रुपये का मकान है। धनंजय सिंह ने भी धन उगाही की है। ये अधिकारी बीते डेढ़ वर्ष से यहां बने हुए , इसकी जांच लोकल स्तर से ना होकर, प्रदेश स्तर से होनी चाहिए। साथ ही इनकम टैक्स विभाग भी इन सभी की संपत्ति की जाँच करे।
इनसेटफाइनैंस की गाड़ियों में भी जमकर की थी उगाही
बैंक से हुई गाड़ियों के फाइनैंस की फ्राड के मामले में जनपद की पुलिस द्वारा सभी आरोपियों को वांछित किया गया था। फ्राड में लिप्त सभी आरोपियों को पुलिस ने पकड़ भी लिया था। इस मामले में कप्तान ने एक सभी थानों को आदेश भी दिया था कि गाड़ियों के मामले में किसी को परेशान न किया जाये। परन्तु जैदपुर के यही पुलिस कर्मियों ने लोगों पर मुकदमा दायर करने का दबाव बनाकर जमकर कई लाखों की वसूली कर डाली थी।
दो पहिया चार पहिया वाहनों की बरामदगी के मामले में कोतवाली के जिम्मेदार प्रभारियों सहित यही तीनों सिपाही सर्वेस सिंह, शाहनवाज व गजेन्द्र सिंह ने अपना बखूबी फर्ज निभाया। सिपाही सर्वेश सिंह ने तत्कालीन हल्का दरोगा शैलेन्द्र आज़ाद की मिली भगत से पूरे थाने की कमान संभाल रखी थी। मालूम हो कि जैदपुर थाने पर 192 अदद दो पहिया चार पहिया वाहनों को बरामद किया गया था।