तहलका टुडे विधि संवाददाता/सागर मेहदी
लखनऊ-हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आज बाराबंकी की रामसनेही घाट 100 साल पुरानी वक़फ तहसील वाली मस्जिद को जिला प्रशासन ने तानाशाही दिखाते हुए नियम कानून कायदा तोड़कर बुलडोज़र से ढहाने के मामले में आज 45 मिनट की लम्बी बहस के बाद अपना फैसला रिज़र्व कर लिया है!
सीनियर एडवोकेट जयदीप माथुर ने सुन्नी वक़फ बोर्ड कि तरफ से दायर याचिका पर बहस करते हुए अदालत को बताया कि यह सौ साल पुरानी मस्जिद है और आज भी सरकारी रेकार्ड मे ज़मीन आबादी मे दर्ज है उनका कहना था कि एसडीएम ने 133 कि कार्यवाही करते हुए मस्जिद गिरा दी जो पूरी तरह गलत है।
सीनियर एडवोकेट जयदीप माथुर के आलावा मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड कि तरफ से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट मुशाला ने बहस कि जिस पर जस्टिस राजन राय और जस्टिस लवानिया ने दोनो याचिकाओ को एक साथ सुनकर आपना फैसला रिज़र्व कर लिया है!