
तहलका टुडे टीम/रिज़वान मुस्तफ़ा
लखनऊ-पंजाब की मोहाली कोर्ट में पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी की एम्बुलेंस चर्चा का विषय बन गयी. दरअसल इस एम्बुलेंस पर यूपी का नंबर था.जांच पड़ताल में पता चला कि ये नंबर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले का है और ये एम्बुलेंस बाराबंकी के एक निजी अस्पताल की निकली इस खुलासे के बाद से मादक पदार्थों की तस्करी में अंतरराष्ट्रीय ख्याति पाने वाले बाराबंकी में कई भुमाफिया सफेदपोश नेताओ में हड़कंप मच गया है,एक हिस्ट्रीशीटर ने तो घबराहट में भाजपा के लिये प्रधान चुनाव के उम्मीदवारों को जिताने की अपील कर अपनी तरफ से नज़र हटाने की कोशिश कर डाली है।पुलिस खुफिया एजेंसी सर्विलांस सेल अब इस लिंक की तफ्तीश में जुट गया है।
बाराबंकी ऐसा ज़िला है जहाँ प्रदेश के माफियाओ के अंतरंग संबंध में यहाँ माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव का गुरु होने का दावा करने वाला विराजमान है,वही धनंजय सिंह से भी कई भु माफियाओ के संबंध है, कई माफियाओ ने यहाँ स्कूल कॉलेज,पेट्रोल पंप, हॉस्पिटल, प्लाटिंग में बड़ी रकम लगा रक्खी है। और कई सफेद पोश नेताओ से तालुकात जग जाहिर है।
श्री प्रकाश शुक्ला से भी बाराबंकी के रिश्ते और रात में आराम करने और उसके लगे पैसे आज भी लोगों की ज़ुबान पर है, वही पॉन्टी चड्ढा का गोदाम पैसा और उसके मडर के बाद उसको हज़म करने वाले लोग भी बच्चे बच्चे की ज़ुबान पर,बाराबंकी में माफियाओ को संरक्षण देने वाले रातो रात कई सौ करोड़ के मालिक बन गये और बाद में सफ़ेद पोश नेता बन गये।
लखनऊ के बख्शी, अन्ना, भंडारी,अजीत सिंह,गोरखपुर के शाही,हरी शंकर तिवारी,के ज़लज़ले के वक़्त बाराबंकी से रिश्ते जग जाहिर है।आज भी इनके फॉर्म हाउस और ज़मीने ज़िले में है या अधिकारियो के फॉर्म हाउस बने है।
यही हाल मुख्तार अंसारी का भी है बाराबंकी और लखनऊ में कई भुमाफिया से सीधे इन लोगो के संबंध रहे है।
शैलेन्द्र कुमार सिंह बाराबंकी में कई वर्ष Co सिटी भी रहे है और इनकी सख्ती की वजह से कई माफियाओ ने लखनऊ में शरण ले रक्खी थी।एम्बुलेंस के खुलासे के बाद कई रिश्तों को लेकर माफियाओ के पुलिस मोहकमे में मुखबिर बहूत एक्टिव रहे।
मालूम हो कल बुधवार को मुख्तार अंसारी को जब मोहाली कोर्ट में पेश किया गया, तो सबकी निगाहें अचानक उस एम्बुलेंस पर जा टिकीं, जिससे मुख्तार अंसारी कोर्ट पहुंचा था. दरअसल इस एम्बुलेंस का नंबर ही सबके लिए चौंकाने वाला था. यह नंबर था UP 41 AT 7171. आखिर यूपी की एम्बुलेंस पंजाब में क्या कर रही थी, जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला यह नंबर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले का है.ये एम्बुलेंस बाराबंकी के श्याम सन अस्पताल के नाम पर रजिस्टर्ड है. लेकिन इसका रजिस्ट्रेशन 3 साल पहले खत्म हो चुका है. इस एम्बुलेंस के मालिक का नाम डॉ. अलका राय है. परिवहन विभाग में एम्बुलेंस मालिक का दिया गया नंबर भी गलत निकला.
बाराबंकी में श्याम सन अस्पताल के बारे में जानकारी जुटाई गई, तो पता चला यह अस्पताल मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की ब्रांच थी और जिसकी मालिक डॉक्टर अलका राय ही हैं. निजी अस्पताल की यह एम्बुलेंस मुख्तार अंसारी तक कैसे पहुंची, इस पर पड़ताल की गई तो पता चला कि इसे मुख्तार अंसारी ने निजी तौर पर किराए पर ले रखा है.
सूत्रों के अनुसार मुख्तार अंसारी बीमारी के नाम पर जब भी जेल से कोर्ट जाता था, वह इसी एम्बुलेंस का इस्तेमाल करता है. इस एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन 3 वर्ष पूर्व खत्म हो चुका है. ये एम्बुलेंस 2017 से फिटनेस के लिए आरटीओ कार्यालय बाराबंकी नहीं पहुंची थी. अब सवाल उठ रहा है कि बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे एम्बुलेंस का इस्तेमाल मुख्तार अंसारी कैसे कर रहा था.
बता दें मोहाली के एक बिल्डर से फिरौती मांगने के मामले में मुख्तार अंसारी की बुधवार को मोहाली कोर्ट में पेशी थी. इसके लिए वो रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट पहुंचा था.