तहलका टुडे टीम/अली सईद
कानपुर-केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर हमलावर विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि ये ‘पिटे हुए पॉलिटिकल प्लेयर्स’ हार की हताशा में किसानों को गुमराह करने की कोशिश में लगे हैं।
यह आरोप भी लगाया कि खेती के बारे में समझ नहीं रखने वाले किसानों के हितैशी बन गए हैं। जबकि पूरे देश के किसान इस बात से संतुष्ट हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर कृषक के साथ आत्मनिर्भर कृषि बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
शनिवार को कानपुर पहुंचे अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा, ”यह पूरा मुद्दा ‘आपराधिक साजिश की संदूक और किसानों के कंधे पर बंदूक का है। ये जो लोग किसानों के कंधें पर बंदूक रखकर घूम रहे हैं वो बिल्कुल अतार्किक बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, सरकार ने पूरी गारंटी दी है कि न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) हटेगा, न तो मंडियां खत्म होंगी और न ही किसानों की जमीन पर किसी तरह का खतरा है। फिर भी ‘मोदी बैसिंग ब्रिगेड’ इस आंदोलन में आ गए हैं। इन लोगों का काम सिर्फ प्रधानमंत्री के बारे में बुरा-भला कहना है। ये लोग किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। ज्यादातर किसान इस बात को समझ गए हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहाँ कहा कि “पिटे पॉलिटिकल प्राणियों” और “भारत बैशिंग ब्रिगेड” के “नापाक गिरोह” पिछले 6 वर्षों से भारत की छवि खराब करने की साजिश में लगे हैं।
आज कानपुर में केंद्रीय बजट 2021-22 के सम्बन्ध में गोष्ठी एवं प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए श्री नकवी ने कहा कि ऐसे “साजिशी सुपारी” का देश की जनता के संकल्प ने समय-समय पर सूपड़ा साफ़ किया है। ऐसे “साजिशी शातिरों” के “सूजे सूपड़े” इस बात का प्रमाण है कि इनके सभी “पाखंडी प्रयासों” को जनता ने परास्त किया है।
श्री नकवी ने कहा कि कभी तथाकथित असहिष्णुता पर बवाल तो कभी सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल, तो कभी CAA पर भ्रम; तो कोरोना काल में लोगों की सेहत-सलामती के लिए किये गए कामों पर पलीते का प्रयास और अब कृषि कानूनों पर “गुमराही गैंग” द्वारा “साजिशी सुपारी का संदूक” और कुछ किसानों के “कंधे पर बन्दूक” के जरिये देश को बदनाम करने और किसानों के हितों का अपहरण करने की साजिश की जा रही है।
श्री नकवी ने कहा कि कुछ लोगों का “सामंती गुरुर- सत्ता का सुरूर” अभी भी नहीं उतरा, रस्सी जल गई-बल नहीं गया। तमाम दुष्प्रचारों- पॉलिटिकल पलीते” के बावजूद जनता ने 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और एनडीए पर विश्वास जताया, प्रचंड बहुमत से सरकार बनी। 2019 में दोबारा उससे बढ़कर जनादेश दिया। इस दौरान हुए विधानसभा, पंचायत, स्थानीय निकाय चुनावों में मोदी सरकार की नीतियों पर मुहर लगाई।
श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के “सबका साथ, सबका विकास” के संकल्प ने हमेशा ऐसी “क्रिमिनल कांस्पीरेसी के कैरेक्टर्स” को बेनकाब किया। दुनिया श्री मोदी के “सर्वस्पर्शी विकास” की कायल हुई, एक तरफ अल्पसंख्यकों की तथाकथित असुरक्षा के नाम पर “भारत बैशिंग ब्रिगेड” की “बेसुरी बकवास बहादुरी” चल रही थी, दूसरी तरफ समाज के सभी वर्गों को तरक्की का बराबर का हिस्सेदार-भागीदार बनाने के लिए श्री मोदी बिना रुके-बिना झुके काम करते रहे।
श्री नकवी ने कहा कि जब हमारे सुरक्षा बलों ने घुस-घुस कर आतंकवादी कैम्पों का सफाया किया, तब सीमापार से सुबूत मांगे जाने लगे, और इधर से ग्रैंड ओल्ड पार्टी के नेता सवाल दागने लगें, “कमाल की सुबूत और सवाल की जुगलबंदी” थी।
श्री नकवी ने कहा कि संसद ने CAA संशोधन बिल पास किया, इस पर भी “भ्रम का भूत” खड़ा किया गया कि मुसलमानों की नागरिकता पर तलवार है CAA; खूब हंगामा-हाहाकार हुआ। तीन देशों के पीड़ित-प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के प्रावधान को भारत के मुसलमानों की नागरिकता छीनने की व्यवस्था बता कर “भय-भ्रम का भूचाल” खड़ा करने की कोशिश हुई।
श्री नकवी ने कहा कि केंद्रीय बजट 2021-22, समाज के सभी तबकों का “सम्मान के साथ सशक्तिकरण” सुनिश्चित कर “आत्मनिर्भर भारत के सफल सफर का हमसफ़र” है। समाज के सभी जरूरतमंदों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण और सेहत-सलामती के संकल्प से भरपूर है केंद्रीय बजट। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का यह बजट निवेशकों, उद्योग और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा।
श्री नकवी ने कहा कि यह बजट देश को कोरोना की चुनौतियों से मजबूती से लड़ कर हर क्षेत्र में विकास की नई कहानी लिखने के लिए तैयार करेगा। सभी वर्गों– गरीबों, किसानों, युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं, मजदूरों, छोटे व्यापारियों– की आशा व आकांक्षाओं को पूरा करने वाला बजट है।
श्री नकवी ने कहा कि आम बजट 2021-22 में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है; स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार को आगे बढ़ाया गया है; एमएसएमई सेक्टर को मजबूती प्रदान की गई है; शिक्षा एवं अनुसन्धान पर विशेष ध्यान दिया गया है जो देश में रोजगार सृजन में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।
श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार किसानों के सशक्तिकरण को समर्पित है। विभिन्न फसलों की एमएसपी में डेढ़ गुना बढ़ोतरी की जा चुकी है। गेंहूं के लिए किसानों को 2020-21 में एमएसपी के तहत 75 हजार 100 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है।
धान के लिए किसानों को 2020–21 में एमएसपी के तहत 1 लाख 72 हजार 700 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। 1 हजार मंडियों को डिजिटल किया जायेगा। छोटे और सीमांत किसानों के लिए “पीएम किसान सम्मान निधि” के जरिए उनके खातों में लगभग 1 लाख 13 हजार करोड़ से अधिक रुपए सीधे ट्रांसफर किए जा चुके हैं।
श्री नकवी ने कहा कि “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” का लाभ भी देश के छोटे किसानों को हुआ है। इस योजना के तहत पिछले 5 वर्षों में लगभग 90 हजार करोड़ रुपए की राशि, मुआवजे के तौर पर मिली है। एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की गई है। मोदी सरकार ने डेयरी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की स्थापना और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 15 हजार करोड़ के पशुपालन अवसंरचना विकास कोष की स्थापना भी की है।
श्री नकवी ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक सुधार करते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट को पिछली बार के 92 हजार करोड़ रुपये के मुकाबले इस बार 2 लाख 23 हजार करोड़ रुपए किया है। 64,180 करोड़ रुपये “आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना” के लिए दिए गए हैं। कोरोना वैक्सीन पर 35,000 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं।
श्री नकवी ने कहा कि “मेड इन इंडिया” कोरोना वैक्सीन ने ना केवल भारत के नागरिकों के सेहत-सलामती को सुनिश्चित किया है वहीँ दूसरी ओर भारत कई अन्य देशों को भी कोरोना वैक्सीन की मदद कर रहा है।
श्री नकवी ने कहा कि सभी को सस्ती, सुलभ, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैय्या कराने के अपने संकल्प को आगे बढ़ाते हुए मोदी सरकार ने देश के आदिवासी क्षेत्रों में 750 एकलव्य स्कूल खोले जाने का फैसला किया है। अगले 5 वर्षों में अनुसंधान के लिए 50,000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।
श्री नकवी ने कहा कि “जल जीवन मिशन” के लिए पांच वर्ष में 2,87,000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे; “स्वच्छ भारत मिशन 2.0” के लिए पांच वर्ष की अवधि में 1,41,678 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। 32 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में “वन नेशन वन राशन कार्ड” लागू होने से 69 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिला है। पब्लिक बस ट्रांसपोर्ट सुविधाओं के विस्तार के लिए 18 हजार करोड़ रूपए दिए गए हैं। रेलवे के लिए 1 लाख 10 हजार करोड़ रूपए दिए गए हैं, “राष्ट्रीय रेल योजना 2030” तैयार की गई है। यह सभी कदम देश को “समावेशी विकास” के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ाएंगे, भारत को “आत्मनिर्भर” बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
श्री नकवी ने कानपुर में समाज के विभिन्न वर्गों, बुद्धिजीवियों, व्यवसायियों, उद्यमियों आदि से केंद्रीय बजट पर विस्तृत सकारात्मक चर्चा भी की।