तहलका टुडे टीम/ सदाचारी लाला उमेश चंद्र श्रीवस्तव
बाराबंकी- प्रदेश की राजधानी में मंत्रियो और अमीरों के बेटे अक्सर शाम को बियर बार मे होटलों में डांस करते हुए,सड़को पर सिगरेट के छल्ले उड़ाते हुए,हुक्का बार मे अय्याशी करते हुए और अय्याशी का परवान जब ज़यादा चढ़ जाये तो फूटपाथ पे सोते गरीबो को अपनी गाड़ियों से रौंदकर हँसते हुए देखे जाना आम बात है लेकिन इसी माहौल में पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप का बेटा जो देहरादून में तालीम हासिल कर रहा है ऐसे नालायको के लिए सबक है और समाज मे एक नया इंक़लाब पैदा कर मिसाल बन रहा है।
अविरल का सोमवार को जन्म दिन था तमाम अज़ीज़दार रिश्तेदार दोस्त अहबाब आते रहे मुबारक बाद देते रहे ।अविरल भी अपने एखलाक का प्रदर्शन करते रहे।
रात दस बजे के बाद फोन की घंटी बजी और किसी से कुछ बात हुई खामोशी और ठंड से कप कंपाती रात में अविरल ने चाचा ज़िला पंचायत अध्यक्ष अशोक सिंह के बेटे बड़े भाई हर्षित को साथ लिया और बगैर किसी सिक्योरिटी के निकल गये।
शहर के मुख्य चौराहों पर रेलवे स्टेशन,सतरिख नाका,बस स्टैंड,हनुमान मंदिर,आदि जगहों पर रात में सोने वाले गरीब मजदूरों बेसहारा लोगों को इस कड़कड़ाती ठंड में ठिठुरते लोगो को फरिश्ता बनकर कम्बल बांटने लगे
जन्म दिन की रात में अचानक घर से जाना घर वालो की चिंता का सबब बन गया,
वैसे नेक लोगो को और खामोशी से लोगो के लिये मदद करने वालो की हिफाज़त के लिये ईश्वर भी 2 फरिश्ते मुकर्रर कर देता है,ऐसा धार्मिक ग्रंथों में लिखा है।
घर से फोन जा रहा था अविरल हर्षित की मोबाइल की घंटी बज रही थी फोन उठ नही रहा था,
घर वालो की बेचैनी जब ज़यादा बढ़ी तो हशमत अली गुड्डू और अमित नाग के पास फ़ोन गया, दोनों अपनी बाइको से निकले लेकिन कहा जाय कुछ समझ नही पा रहे थे तभी चौराहे पर कुछ ठिठुरते गरीबो को कम्बल बांटते लोग नज़र आये,पहुचे पास तो देखा,उल्टा सवाल अंकल आप इतनी रात में ? सकपका गये गुड्डू बोले दवा लेने आये थे,
इनके नेक काम का विश्वास ना टूटे मुखबिर बने गुड्डू भी साथ मे हो लिये ये भी बॉटने लगे कम्बल,
पूरे शहर में घूम कर और कई भौकते कुत्तो को पुचकारते डबल रोटी खिलाते हुुुए देर रात जब घर पहुचे तो सब बदहवास थे गुस्से से तमतमाये थे अविरल हर्षित दोनों माँ बाप की चरणो में गिर गये,बोले आज मज़ा आ गया,
सकपकाये गोप ने गुड्डू और अमित को देखा जवाब मिला सड़क के किनारे लेटे सो रहे ठिठुरते गरीबो को कम्बल ओढ़ा रहे थे दोनों महानुभाव ,हमको भी साथ ले लिए थे।
तहलका टुडे भी इस बेचैनी को सुनकर जब पहुँचा तो बेटो की नेक हरकतों से चहरे पर आये घर वालो के सुकून में आत्म विश्वास और मजबूती के साथ ईश्वर का शुक्र करते देखने का मौका मिला।
समाज के ऐसी नेक सोच के नये नवजवानों को सलाम और इनकी कामयाब ज़िन्दगी के लिये हमेशा हम सबकी रहेगी दुआये साथ,
वो अलग बात है कि ये दुआये बगैर कम्बल मिले निकल रही है।