तहलका टुडे डेस्क
नयी दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने नौचंदी जुमेरात के दिन कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अल्पसंख्यक समुदायों के ज्यादातर लोगों के लिए ‘सबसे स्वीकार्य नेता’ हैं और वे आज मोदी एवं उनकी सरकार की सराहना कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत अल्पसंख्यकों के लिए दुनिया का सबसे सुरक्षित देश है। साथ ही, मंत्री ने ‘साउथ एशिया स्टेट ऑफ माइनरॉटीज रिपोर्ट-2020’ को भी खारिज कर दिया जिसमें कथित तौर पर दावा किया गया है कि भारत धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए असहिष्णु हो गया है।
नकवी ने कहा, ‘‘इस तरह की एक्सपेरिमेंटल रिपोर्ट आती रहती हैं। भारत अल्पसंख्यकों के लिए सबसे सुरक्षित देश है। अल्पसंख्यकों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तीकरण के लिए काम हुए हैं और आगे भी होंगे।’’
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘मोदी जी के शासनकाल में अल्पसंख्यकों के बच्चों को हर साल चार करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति दी जाती है। केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यकों की भागीदारी पहले चार फीसदी होती थी जो आज 10 फीसदी को पार कर गयी है। सिविल सेवाओं में पिछले तीन वर्षों का रिकॉर्ड देख लीजिए कि अल्पसंख्यक समुदायों के कितने ज्यादा बच्चों का चयन हुआ है। मोदी सरकार ने भेदभाव के माहौल को खत्म किया है।’’
अल्पसंख्यकों के बीच मोदी सरकार को लेकर धारणा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा,
‘‘मैं मानता हूं कि देश के सबसे ज्यादा स्वीकार्य नेता नरेंद्र मोदी हैं। इसी तरह से अल्पसंख्यकों के बीच भी वह सबसे ज्यादा स्वीकार्य नेता हैं, कुछ ऐसे लोगों को छोड़कर जिनका काम ही पारंपरिक और पेशवर रूप से मोदी जी को बुरा-भला कहना है। ऐसे कुछ लोग तो हर समुदाय में होते हैं।’’
नकवी ने आगे कहा, ‘‘हम वोट की बात नहीं कर रहे हैं। अल्पसंख्यक समुदायों का कोई भी व्यक्ति यह नहीं कह सकता कि मोदी जी के शासनकाल में किसी के साथ भेदभाव हुआ है। जितनी भी सरकारी योजनाएं हैं, हर योजना का अल्पसंख्यकों को बराबर का फायदा हुआ है। अवसर का माहौल अपने आप में एक रिकॉर्ड है।’’
उनका कहना है, ‘‘अल्पसंख्यक समुदायों के ज्यादातर लोग मोदी जी, मोदी सरकार और समान अवसर के माहौल की सराहना कर रहे हैं।’’ जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में हाल ही में भाजपा के लिए प्रचार करके लौटे नकवी ने कहा कि इस केंद्रशसित प्रदेश खासकर घाटी के लोगों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने को लेकर काफी उत्साह है और अब वहां ‘खानदानी सियासत और पानदानी विरासत’ के युग का अंत हो चुका है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पहली बार है कि लोग इतना स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं। यह बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है। अलगाववादी, आतंकवादी और भारत विरोधी संगठनों पर ब्रेक लगा है और लोगों ने खुद इन्हें अलग-थलग किया है।’’ अल्पसंख्यक कार्य मंत्री के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में मंत्रालय की योजनाएं आरंभ हो गई हैं। जम्मू-कश्मीर में सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड तथा लद्दाख में वक्फ बोर्ड गठित करने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। आगे अल्पसंख्यक आयोग भी गठित होगा। नकवी ने हज-2021 के लिए आवेदन की तारीख 10 जनवरी तक बढ़ाए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि इस बार 100 फीसदी ऑनलाइन आवेदन आ रहे हैं और हज की पूरी तरह डिजिटल प्रक्रिया को अंजाम देने वाला भारत दुनिया का पहला देश है। उन्होंने यह भी बताया कि उनका मंत्रालय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संपर्क में है कि कोरोना का टीका आने पर हज यात्रियों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाए जाए। नकवी ने कहा कि अगले साल का हज सऊदी अरब सरकार पर निर्भर करता है, लेकिन उनके मंत्रालय की तरफ से तैयारियां पूरी की जा रही हैं।