तहलका टुडे इंटरनेशनल डेस्क
जरनल कासिम सुलेमानी को शहीद कर ट्रम्प की बर्बादी तो पूरी दुनिया देख ली,लेकिन ट्रम्प के खात्मे के बाद इज़राईल ने अपनी हरकत नही छोड़ी आज उसकी ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद के समर्थित आतंकियो ने ईरान के वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक मोहिसन फख्री ज़ादे को राजधानी तेहरान के निकट आबसर्द उपगर के एक चौराहे पर आत्मघाती हमले में शहीद कर दिया।
यह हमला शुक्रवार को दोपहर दो बजे कर चालीस मिनट पर किया गया। ब्योरे के अनुसार पहले उनकी गाड़ी के पास एक मालवाहक वाहन में सवार आत्मघाती आक्रमणकारी ने अपनी गाड़ी को धमाके से उड़ा लिया और उसके बाद निकट मौजूद उसके साथियों ने मोहसिन फख्री ज़ादे की गाड़ी पर फायरिंग शुरु कर दी। इस हमले में मोहसिन फख्री ज़ादे के साथ उनके कुछ रिश्तेदार और सुरक्षा कर्मी भी बुरी तरह घायल हो गये।
हमले के बाद ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फख्रीज़ादे को हेलीकाप्टर से अस्पताल पहुंचाया गया किंतु डाक्टर उन्हें बचाने में कामयाब नहीं हुए और वह शहीद हो गये।
इस अवसर पर होने वाली झड़प में कई अन्य लोग मारे गये जिनकी पहचान अभी तक बतायी नहीं गयी है लेकिन कुछ सूत्रों के अनुसार मारे जाने वालों में से कई हमलावर भी हैं।
ईरान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करके घटना की जानकारी देते हुए बताया है कि हमले के बाद घायल अवस्था में मोहसिन फख्रीज़ादे को अस्तपाल ले जाया गया लेकिन उन्हें जीवित रखने की डाक्टरों की कोशिश सफल नहीं हो पायी और ईरान के एक और महान सेवक की वर्षों तक अपने देश और राष्ट्र की सेवा के बाद शहादत हो गयी।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्री जवाद ज़रीफ ने ट्वीट करके कहा है कि शहीद फख्रीज़ादे की हत्या के पीछे इस्राईल के हाथ होने के चिन्ह मिले हैं।
उन्होंने लिखा है कि आतंकवादियों ने ईरान के एक और वरिष्ठ वैज्ञानिक की हत्या कर दी। यह कायरता पूर्ण कार्यवाही जिसमें इस्राईल के हाथ होने के चिन्ह मिले हैं, नाकामी के बाद युद्ध की कोशिश का लक्षण है।
उन्होंने लिखा कि ईरान विश्व समुदाय विशेषकर यूरोपीय संघ से मांग करता है कि वह अपने लज्जानक दोगले व्यवहार का अंत करे और इस आतंकवादी हमले की आलोचना करे।
इस्लामी गणतंत्र ईरान की सशस्त्र सेना के चीफ आफ स्टाफ जनरल मुहम्मद बाक़ेरी ने एक बयान जारी करके फख्रीज़ादे की शहादत पर संवेदना प्रकट की है और कहा है कि विश्व साम्राज्य और ज़ायोनिज़्म से संबंधित आतंकवादियों ने पाश्विक हमले में देश के एक बड़े शोधकर्ता और वैज्ञानिक की हत्या कर दी है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि रक्षामंत्रालय के अध्ययन व शोध विभाग के प्रमुख शहीद डाक्टर मोहसिन फ़ख्रीज़ादे ने जीवन भर देश की बहुत सेवा की और वह देश की रक्षा शक्ति को एक स्वीकारीय स्तर तक पहुंचाने में सफल रहे और इतने बड़े वैज्ञानिक की हत्या देश की रक्षा क्षमता पर बड़ी चोट है लेकिन दुश्मन यह जान लें कि शहीद फख्रीज़ादे ने जो राह बनायी है वह जारी रहेगी और यह कार्यवाही करने वाले आतंकवादी और उनके समर्थक और आदेश देने वाले यह जान लें कि कड़ा बदला लिया जाएगा।
आईआरजीसी के कमांडर जनरल सलामी ने भी ट्वीट किया है कि परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या, हमें आधुनिक विज्ञान तक पहुंचने से रोकने के लिए वर्चस्वादियों की ओर से बेहद हिंसक और स्पष्ट टकराव का एक रूप है।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के सलाहकार और ईरान के पूर्व रक्षा मंत्री जनरल हुसैन देहक़ान ने कहा है कि हम शहीद फख्रीज़ादे के कातिलों पर बिजली बन कर टूट पड़ेंगे।
उन्होंने ट्वीट किया है कि ज़ायोनी, अपने जुआरी दोस्त की सत्ता के अंतिम दिनों में एक युद्ध शुरु करने के लिए ईरान पर दबाव बढ़ाने की कोशिश में हैं लेकिन रात अभी लंबी है और हम जाग रहे हैं , इस शहीद के कातिलों पर बिजली बन कर टूट पड़ेंगे और उन्हें अपने किये पर पछताने पर मजबूर कर देंगे।
इसी मध्य इस्लामी गणतंत्र ईरान की परमाणु ऊर्जा एजेन्सी के पूर्व प्रमुख फरीदून अब्बासी ने कहा है कि शहीद फख्रीज़ादे को अमरीका में डेमोक्रेटों के सत्ता में आने से पहले शहीद किया गया क्योंकि दुश्मन यह चाहते हैं कि ईरान पर दबाव डाल कर उसे वार्ता पर तैयार किया जाए।
उन्होंने कहा कि यह आतंकवादी हमला, मुझ पर और शहीद शहरयारी पर हमले के दस साल पूरे होने के अवसर पर किया गया है और आज से 12 साल पहले भी शहीद फख्री पर हमले के लिए आतंकवादियों की एक टीम भेजी गयी थी लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें विफल कर दिया। फरीदून अब्बासी ने बताया कि दुश्मन पिछले 15 साल से शहीद फख्री की हत्या के प्रयास में था।
याद रहे इस्राईल के प्रधानमंत्री नेतेन्याहू ने दो साल पहले मोहसिन फख्रीज़ादे का नाम लिया था जिसके बाद इस्राईली मीडिया ने बताया था कि मोसाद ने बहुत पहले मोहसिन फख्रीज़ादे की हत्या की कोशिश की थी मगर वह कोशिश नाकाम हो गयी थी।
इस्राईल की वल्ला न्यूज वेबसाइट ने बताया था कि मोसाद के कुछ अधिकारियों ने बताया है कि मोहसिन फख्रीज़ादे ईरान के उन वैज्ञानिकों में शामिल हैं जिनका नाम उसकी हिट लिस्ट में है।