तहलका टुडे इंटरनेशनल डेस्क
डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन अमरीका के अगले राष्ट्रपति होंगे. मंगलवार को हुए मतदान में उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को हरा दिया है.
अहम माने जा रहे पेंसिल्वेनिया राज्य में जो बाइडन ने बड़ी जीत हासिल कर ली है जिसके बाद व्हाइट हाउस तक पहुंचने के लिए ज़रूरी 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट के आंकड़े को वो पार कर गए हैं.
उन राज्यों के अनौपचारिक परिणामों पर आधारित है जहां पहले ही वोटों की गिनती समाप्त हो चुकी है और विस्कॉन्सिन जैसे उन राज्यों पर भी जहां गिनती जारी है.
इस चुनाव में साल 1900 के बाद सबसे अधिक वोट पड़े हैं. बाइडन अभी तक 7 करोड़ से अधिक वोट जीत चुके हैं. किसी भी राष्ट्रपति को इससे पहले इतने वोट नहीं मिले.
जो बाइडन ने अपने ट्विटर पर लिखा, “अमेरिका आपने मुझे इस महान देश का नेतृत्व करने के लिए चुना है, मेरे लिए ये सम्मान की बात है.”
“हमारे लिए आगे का काम मुश्किल है लेकिन मैं आपसे ये वादा कर रहा हूं मैं हर अमेरिकी का राष्ट्रपति रहूंगा – आपने मुझे वोट दिया हो या नहीं. आपने मुझपर जो भरोसा किया है, मैं उस पर खरा उतरूंगा.”
उपराष्ट्रपति बनने वाली कमला हैरिस ने ट्विटर पर लिखा, “मेरे और जो बाइडन के लिए ये चुनाव बेहद महत्वपूर्ण था. ये अमेरिका की आत्मा के बारे में और हमारे लड़ने की इच्छाशक्ति के बारे में था. हमें आगे बहुत काम करना है. चलिए शुरू करते हैं.”
इसके साथ ही ट्रंप 1990 के बाद सिर्फ़ एक कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति रहने वाले पहले राष्ट्रपति बन गए हैं.इससे पहले ट्रंप ने ख़ुद को ग़लत तरीक़े से विजेता घोषित कर दिया था. उन्होंने वोटों की गिनती में छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, लेकिन चुनाव में छेड़छाड़ से जुड़े कोई सबूत वो नहीं दे पाए.
बाइडेन का भारत से भी एक कनेक्शन है और इसका खुलासा उन्होंने खुद ही कुछ सालों पहले किया था.
बाइडेन वर्ष 2013 में बतौर उपराष्ट्रपति भारत आए थे. इस दौरान उन्होंने मुंबई में एक भाषण देते हुए कहा था कि वर्ष 1972 में जब वह पहली बार सीनेट के सदस्य बने थे तो उन्हें मुंबई में रह रहे एक बाइडन का पत्र मिला था.
बाइडेन का कहना था कि मुंबई के बाइडन ने उन्हें बताया कि दोनों के पूर्वज एक ही हैं. इस पत्र में उन्हें जानकारी दी गई थी कि उनके पूर्वज 18वीं सदी में ईस्ट इंडिया कंपनी में काम करते थे. बाइडेन ने अफसोस भी जताया कि इस बारे में वह विस्तार से पता नहीं लगा सके.
इसके बाद एक बार फिर वर्ष 2015 में बाइडेन ने अपने भारत कनेक्शन का जिक्र किया था. वाशिंगटन में इंडो-यूएस फोरम की बैठक में उन्होंने बताया कि संभवत: उनके पूर्वज ने एक भारतीय महिला से शादी की थी, जिसके परिवार के लोग अभी भी वहां हैं.
बाइडेन ने यह भी बताया कि मुंबई में तब बाइडन सरनेम के पांच लोग थे जिसके बारे में एक पत्रकार ने उन्हें जानकारी दी थी. बाइडन ने यह चुटकी भी ली थी कि वह भारत में भी चुनाव लड़ सकते हैं.
गौरतलब है कि 20 नवंबर 1942 को जन्मे बाइडेन 78 वर्ष की उम्र में राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. वह अमेरिका के इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे. यह भी दिलचस्प तथ्य है कि जब वह 1972 में सीनेट के लिए चुन गए थे सबसे कम उम्र के लोगों में से एक थे. वह अब तक 6 बार सीनेटर रह चुके हैं.
दो बार रहे उपराष्ट्रपति
ओबामा के करीबी माने जाने वाले बाइडेन उनके कार्यकाल में 2008 से 2016 तक दो बार उपराष्ट्रपति भी रहे हैं. इस चुनाव में भी ओबामा ने उन्हें काफी समर्थन दिया है.