किसान चौपालो में हो रहा है जमकर स्वागत
सरकार द्वारा लाये गए कृषि सुधार विधेयक देश के करोड़ों किसानों की “आँखों में खुशी, जिंदगी में खुशहाली” की गारंटी हैं। कृषि सुधार विधेयक, दशकों से बिचौलियों के चंगुल में फंसे किसानों को आजादी दिला कर किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं” ये बिल
सरकार का एकमात्र संकल्प किसानों की समृद्धिहै। इन विधेयक से न तो एमएसपी और न ही मंडियां होंगी खत्म
तहलका टुडे टीम
मुरादाबाद-भाजपा सरकार की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चलने वाले विपक्ष के प्रोपेगंडा को अपने अल्फाज़ो के तीर के निशाने से ही नेस्तनाबूद करने वाले अकेले ऐसे
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी है जो भारी मुखलिफ़त की हवाओ के बीच किसानों के बीच मे जाकर चौपाल लगाकर इंक़लाब पैदा कर दिया है। मोदी सरकार के पक्ष को रखकर आज कहा कि कृषक प्रधान हिंदुस्तान खुशहाली के रास्ते पर चल पड़ा है जहाँ किसानों के अन्न का भरपूर दाम, अन्नदाता का भरपूर सम्मान है। ग्राम लोधीपुर, मुरादाबाद में “किसान चौपाल” के दौरान किसानों को सम्बोधित करते हुए श्री नकवी ने कहा कि मोदी सरकार के किसानों की आमदनी दोगुना करने के संकल्प ने बिचौलियों की परेशानी चौगुनी कर दी है।
योगी सरकार में मंत्री बलदेव सिंह अलख भी इस मिशन में शरीक हो गये
श्री नकवी ने आगे कहा कि सरकार द्वारा लाये गए कृषि सुधार विधेयक देश के करोड़ों किसानों की “आँखों में खुशी, जिंदगी में खुशहाली” की गारंटी हैं। कृषि सुधार विधेयक, दशकों से बिचौलियों के चंगुल में फंसे किसानों को आजादी दिला कर किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं।
श्री नकवी ने कहा कि सरकार का एकमात्र संकल्प किसानों की समृद्धिहै। इन विधेयक से न तो एमएसपी और न ही मंडियां खत्म होंगी। कृषि बिल सही मायनों में क्रांतिकारी पहल हैं।
श्री नकवी ने कहा कि कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषिसेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक के पारित हो जाने से अब किसानों को अपने फसल के भंडारण और बिक्री की आजादी मिलेगी और बिचौलियों केचंगुल से उन्हें मुक्ति मिलेगी। किसान खरीददार से सीधे जुड़ सकेंगे, जिससे किसानों को उनके उत्पाद की भरपूर कीमत मिल सकेगी।
किसानों की पहुँच अत्याधुनिक कृषि प्रौद्योगि की, कृषि उपकरण एवं उन्नत खाद-बीज तक होगी। किसानों को 3 दिन में भुगतान की गारंटी मिलेगी। किसान अपनी फसल का सौदा सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य के लाइसेंसी व्यापारियों के साथ भी कर सकते हैं, इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा होगी और किसानों को अपनी मेहनत के अच्छे दाम मिलेंगे। देशभर में किसानों को उपज बेचने के लिए “वन नेशन वन मार्किट” की अवधारणा को बढ़ावा मिलेगा।
श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी देश के गांव, गरीब, किसान के हितों को समर्पित हैं, और सरकार में किसानों के किसी भी हक को कमजोर नहीं होने दिया जायेगा। सरकार में केवल “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि” के तहत ही अब तक किसानों को 92,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है।
श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री बार-बार कह चुके हैं कि देशभर में एमएसपी की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं, कई फसलों की एमएसपी भी बढ़ा दी गई है। गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 रूपए बढ़ाकर 1975 रूपए; जौ का 75 रू बढ़ाकर 1600 रू; चने का 225 रू बढ़ाकर 5100 रू; मसूर का 300 रू बढ़ाकर 5100 रू; सरसों का 225 रू बढ़ाकर 4650 रू; कुसुम का 112 रू बढ़ाकर 5327 रू प्रति क्विंटल कर दिया गया है|
श्री नकवी ने कहा कि सरकार किसानों के सशक्तिकरण को प्रतिबद्ध है। 2009-10 में यूपीए के समय कृषि बजट 12 हजार करोड़ था जिसे बढ़ाकर सरकार ने एक लाख 34 हजार करोड़ रुपये किया। 22 करोड़ से ज्यादा किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिए गएहैं; पीएम फसल बीमा का लाभ 8 करोड़ किसानों को दिया गया है; मोदी सरकार द्वारा 10,000 नये फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइज़ेशन पर 6,850 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। आत्मनिर्भर पैकेज के तहत कृषिक्षेत्र के लिए 1 लाख करोड़ की घोषणा की गई। किसानों के लोन के लिए पहले के 8 लाख करोड़ के बदले अब 15 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। “प्रधानमंत्री किसान मान-धन” के तहत किसानों को 60 वर्ष की आयु होने पर न्यूनतम 3000 रुपये प्रति माह पेंशन का प्रावधान किया गया है। MSP के भुगतान की बात करें तो सरकार ने 6 साल में 7 लाख करोड़ रुपए किसानों को भुगतान किया है जो यूपीए सरकार से दोगुना है।
श्री नकवी ने कहा कि अनुबंधित कृषि समझौते में किसान को अनुबंध में पूर्ण स्वतंत्रता रहेगी कि वह अपनी इच्छा के अनुरूप दाम तय कर उपज बेच सकेगा। यदि किसान अनुबंध से संतुष्ट नहीं होंगे तो किसी भी समय अनुबंध खत्म कर सकते हैं। किसानों के हितों की सौ प्रतिशत गारंटी हैं कृषि सुधार विधेयक