
कृष्ण कुमार द्विवेदी ‘‘राजू भैया’’
बाराबंकी। छत्तीसगढ़ में भाजपा के दुर्ग को बाराबंकी के कर्मपुत्र डाॅ0 पीएल पुनिया की रणनीति ने हलाल कर डाला। जाहिर है कि इसी के साथ जहां कांग्रेस व देश की राजनीति में पुनिया का मान बढ़ा तो वहीं छत्तीसगढ़ में बाराबंकी भी जाना-पहचाना जनपद बन गया। जबकि चर्चाओं में कई स्वर उन्हें इस राज्य का मुख्यमंत्री भी घोषित करते नजर आ रहे हैं?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मजबूत सेनापति डाॅ0 पन्नालाल पुनिया छत्तीसगढ़ में कमाल दर कमाल कर गये। बाराबंकी के इस कर्मपुत्र को जब श्री गांधी ने छत्तीसगढ़ का किला फतह करने की जिम्मेदारी सौंपी थी तब कई वरिष्ठ कांग्रेसियों के मुंह भी बिदग गये थे। अनसुनी आवाजों में यह आवाजे भी सुनी गयी थीं कि पुनिया शायद ही इस राज्य में कांग्रेस की दुनिया को बसा पायें। लेकिन आने वाले समय को शायद कुछ और ही मंजूर था और फिर वही हुआ जो नियत ने तय कर रखा था। डाॅ पीएल पुनिया ने सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ कांग्रेस के ढीले पेंचों को कसा और फिर संगठन में पदाधिकारियों तथा वरिष्ठ नेताओं से समन्वय स्थापित किया। सूत्रों का दावा है कि पार्टी एवं अन्य सर्वेक्षणों के अनुरूप होने के बाद भी पुनिया ने कहीं भी कोई ढिलवाही नहीं बरती। ग्राम पंचायत स्तर पर आम मतदाता तक पहुंच बनाने में माहिर पुनिया ने छत्तीसगढ़ में भी बाराबंकी का सम्पर्की टोटका अपनाया जो कि सफल हुआ। सनद रहे कि सम्पर्कों में माहिर पुनिया बाराबंकी में विकट की मोदी लहर में पिछला चुनाव भले ही हार गये हों लेकिन वे यहां रनर प्रत्याशी रहे। जाहिर है कि बाराबंकी में कांग्रेस पीछे थी पुनिया आगे थे।
छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया से जब भी बाराबंकी में मुलाकात हुई वे आत्मविश्वास से भरे नजर आयें। उनका साफ कहना था कि छत्तीसगढ़ भाजपा की सरकार के कई जिम्मेदारों के भ्रष्टाचार से कराह रहा है। भ्रष्टाचार का परिणाम है कि जो बड़ा हो गया है वह बड़ा होता गया और जो छोटा रह गया है वह छोटी स्थिति से बाहर नहीं निकल पाया। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद अपनी हर छोटी बड़ी कांग्रेस सुधार की गतिविधि को राहुल गांधी की जानकारी में रखते रहे। कांग्रेस को जिताने की मुहिम में कई छत्तीसगढ़ी कांग्रेसियों की निगाहों में वे किरकिरी भी बने, लेकिन लक्ष्य यात्रा जारी रही। तमाम टीवी चैनलों एवं समाचार पत्रों में हर गम्भीर मुद्दे पर पुनिया खासा सक्रिय रहने वाले पुनिया की छत्तीसगढ़ के चुनाव पर बारीक नजर बनी रही। उनकी इस मुहिम में बाराबंकी के लोगों ने भी उनका खासा सहयोग किया। ज्ञात हो कि बाराबंकी संसदीय सीट से उनके पुत्र तनुज पुनिया चुनाव लड़ने की तैयारी में व्यस्त हैं। ऐसे में सांसद पुनिया के समर्थकों व पार्टी पदाधिकारियों ने उन्हें कभी इस बात के लिए विवश नहीं किया कि वे बाराबंकी में ज्यादा समय दें। सभी समर्थकों का एक मत था कि पुनिया छत्तीसगढ़ पर ध्यान दें। छत्तीसगढ़ में भाजपा का दुर्ग अत्याधिक तिलिस्मी था लेकिन बाराबंकी के कर्म पुत्र ने इस तिलिस्म को तोड़ दिया और यहां फिर कांग्रेस ने पांचों विधानसभाओं में से सबसे बड़ी जीत दर्ज की। चर्चा है कि पीएल पुनिया को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन यह तो कांग्रेस आलाकमान जाने पर यह तय है कि पुनिया ने सफल सेनापति बनकर राहुल गांधी के हृदय में अपना सिंहासन तो जमा ही लिया है। जबकि इसी के साथ छत्तीसगढ़ में बाराबंकी का नाम भी छा गया है।