
नई दिल्ली: दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश के बाद भी आम लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है. लोगों को राशन मिलने में हो रही दिक्कत की मुख्य वजह भी राज्य सरकार की नई योजना ही है. दरअसल दिल्ली सरकार ने राशन के सिस्टम में सुधार के नाम पर दो महीने पहले ही एक नया सिस्टम लागू किया था. गौरतलब है कि यह सिस्टम पॉइंट ऑफ सेल मशीन पर आधारित है. इस मशीन से बायो मैट्रिक्स के ज़रिए मशीन व्यक्ति की पहचान करके बताती है. राशन मिलने में हो रही दिक्कत की पड़ताल करने जब एनडीटीवी पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज के जोशी कॉलोनी पहुंचा तो हमें यहां के एक राशन की दुकान पर लोगों की लंबी कतार दिखी.
राशन की लंबी कतार में हमें 62 साल की लाल मणि देवी मिली. लाल मणि देवी ने बताया कि एक राशन की दुकान से मायूस होकर दूसरी दुकान पर आई हैं. पहले जिस राशन दुकान पर वह गई थीं वहां POS मशीन ने मेरा अंगूठा नही पहचाना इसलिए दुकानदार ने राशन देने से मना कर दिया. वहीं पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज के इंदिरा कैम्प में रहने वाली 66 साल की हबीबन ने बताया कि उन्हें भी इसी तरह की दिक्कत हुई है. उन्होंने भी अंगूठा लगाया था लेकिन POS मशीन ने पहचान नही की. उन्होंने बताया कि कई बार के प्रयास के बाद ही मशीन उनकी पहचान कर पाया. और तब जाकर उन्हें राशन मिल सका. इस प्रक्रिया में उन्हें ढाई घंटे का समय लग गया. राशन दुकान के मालिक आनंद शर्मा ने बताया कि ‘कभी सर्वर डाउन कभी इंटरनेट सिग्नल कमज़ोर.कभी मशीन कनेक्ट नही होती तो कभी ग्राहक की पहचान नहीं कर पाती. पहले वाले सिस्टम में तो ज़्यादा से ज़्यादा 10 मिनट लगते थे. पर्ची कटाकर ले जाने में . वहीं अब 10 मिनट से एक घंटा तक लग रहा है और किसी किसी दिन तो लोगों को वापस भी जाना पड़ रहा है .
उन्होंने बताया कि 1 तारीख को मशीन नही चली, 3 को नही चली, 4 को नही चली.’ इस समस्या को देखते हुए दिल्ली सरकार ने आधार की बाध्यता दो हफ़्ते पहले खत्म की थी क्योंकि POS मशीन में उसको ही राशन मिलता है जिसका आधार बना हो, और उसकी पहचान मशीन करे. 20 फरवरी को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा था कि ‘आधार आधारित राशन देने का सिस्टम खत्म कर दिया है गागा अब आधार की बाध्यता नही रहेगी. पुराना सिस्टम चलेगा’ लेकिन राशन की दुकान के बाहर नोटिस लगा मिला कि आधार ज़रूरी है. राशन दुकानदार ने बताया कि खाद्य आपूर्ति विभाग ने ही उनको ये नोटिस लगाने को कहा है. और ये साफ़ है कि अगर आपके पास आधार नहीं है तो आपको राशन नही दिया जा सकता यानी कुल मिलाकर दिल्ली के करीब 20 लाख राशन कार्ड धारक करीब 2500 राशन की दुकान पर राशन के लिए ऐसे ही परेशान हो रहे हैं.
और सरकार का कोई फैसला उनके लिए किसी तरह की राहत लाने में नाकाम हो रहा है. हालांकि अब केजरीवाल सरकार राशन का एक और नया सिस्टम लाने का फैसला कर चुकी है जिसमें गरीब लोगों को राशन के लिए दुकान नही जाना होगा बल्कि राशन खुद उनके घर आ जाएगा.
लेकिन ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब अभी तक लागू सिस्टम ही सही से काम नहीं कर पा रहा है तो भविष्य में शुरू किया जाने वाला सिस्टम सही से काम करेगा इसकी क्या गैरंटी है. और क्या आम लोगों को आगे भी इस नए सिस्टम से ऐसे ही संघर्ष करना होगा?